आज्ञापालन करना हर एक पर वाजिब है, और अल्लाह से महब्बत करना रसूल सल्लल्लाहु
7.
पाक क़ुरआन की आयतों के अनुसार मतभेदों से बचने का रास्ता, दीन और अल्लाह के सीधे रास्ते का अनुसरण यानि अल्लाह का आज्ञापालन करना है।
8.
यह कलिमा जिस चीज़ पर दलालत करता है उसका इस प्रकार आज्ञापालन करना कि वह उसे त्याग करने के विरूध हो, अल्लाह सर्वशक्तिमान ने फरमाया:
9.
और उनकी इताअत (आज्ञापालन करना) सभी इंसानों पर वाजिब की है उनका हुक्म जारी है उनका विरोध करने वाले पर लानत और धिक्कार और जो उनको माने उस पर रहमत, यह सुन लो और इताअत करो।
10.
जी हाँ, मुसलमान महिला के लिए अनिवार्य है कि जितना हो सके अपने धर्म की समझ और जानकारी प्राप्त करे, किंतु अपने पति की सेवा करना, उसका आज्ञापालन करना और अपने बच्चों का पालन पोषण करना एक महान कर्तव्य है।